काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इंसाफ मांगने पर मिली लाठियां।
#BHU_बवाल
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्राओ पर हुए लाठीचार्ज में पक्ष और विपक्ष के तमाम तरह के तर्क दिए जा रहे है। लेकिन जवाब अभी तक स्पष्ट नहीं मिल सका है कि शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन आखिर इस कदर कैसे हिंसक हो उठा कि पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी या गोलियां दागनी पड़ी? वह भी बिना महिला पुलिस के कहां की संवेदनशीलता है। लड़कियां तो अपनी सुरक्षा कि मांग कर रही थी लेकिन आधी रात में डंडे बरसाना कहाँ का न्याय है।लोकतंत्र में आंदोलन का डंडे की जोर पर दबाना न्यायसंगत नहीं।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्राओ पर हुए लाठीचार्ज में पक्ष और विपक्ष के तमाम तरह के तर्क दिए जा रहे है। लेकिन जवाब अभी तक स्पष्ट नहीं मिल सका है कि शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन आखिर इस कदर कैसे हिंसक हो उठा कि पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी या गोलियां दागनी पड़ी? वह भी बिना महिला पुलिस के कहां की संवेदनशीलता है। लड़कियां तो अपनी सुरक्षा कि मांग कर रही थी लेकिन आधी रात में डंडे बरसाना कहाँ का न्याय है।लोकतंत्र में आंदोलन का डंडे की जोर पर दबाना न्यायसंगत नहीं।
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